14 अप्रैल डॉ. बी. आर. अंबेडकर की जयंती के अवसर पर सीएसआईआर-भारतीय पेट्रोलियम संस्थान ने अंबेडकर जयंती मनाने के साथ-साथ अपने 64 वें स्थापना दिवस पर कार्यक्रम भी आयोजित किया। सीएसआईआर-आईआईपी के वन वीक वन लैब अभियान के अन्तर्गत आयोजित इस कार्यक्रम में ओएनजीसी के अध्यक्ष अरुण के सिंह मुख्य अतिथि के रूप में विद्यमान थे।
बाबा साहेब को श्रद्धांजलि
कार्यक्रम का शुभारंभ भारत रत्न डॉ. बी. आर. अंबेडकर को श्रद्धांजलि देने के साथ हुआ जिसके बाद अनुसूचित जाति/जनजाति कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने डॉ. बी. आर. अंबेडकर के जीवन और उनकी उपलब्धियों के बारे में बताया।
मिलेंगी नयी सुविधाएँ
सीएसआईआर-आईआईपी के निदेशक डॉ. अंजन रे द्वारा “वन वीक वन लैब” अभियान के हिस्से के रूप में सोचे गए कार्यक्रमों के बारे में जानकारी प्रदान की गई। उन्होंने भारत के पहले डी-मेथनॉल प्लांट, एफटीएल और अप-स्ट्रीम लैब जैसी नई सुविधाओं के महत्व के बारे में भी बताया, जिनका उद्घाटन इसी शुभ दिन पर किया जाना तय था।
4 आर के अनुसार ईकोकैंपस
इस संस्थान की उपलब्धियों और भविष्य के फोकस क्षेत्रों जैसे कि कच्चे तेल से लेकर पेट्रोकेमिकल्स, सीसीयूएस और ऊर्जा दक्षता, और आयातित जीवाश्म कच्चे माल के बजाय स्थानीय रूप से उपलब्ध घरेलू कार्बन संसाधनों का उपयोग के बारे में वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ. सुमन लता जैन ने बताया । उन्होंने ये भी बताया कि सीएसआईआर-आईआईपी पहली ऐसी सीएसआईआर प्रयोगशाला है जिसने उचित अपशिष्ट प्रबंधन के लिए ‘4 आर’ (रीयूज़, रीसाइकल, रिड्यूस और रिकवर) रणनीतियों को अपनाकर इको-कैंपस स्थापित कर लिया है।
राजपुर विधायक खजान दास ने डॉ. बी. आर. अंबेडकर द्वारा महिलाओं के उत्थान और दलितों की सामाजिक स्वतंत्रता के लिए किए गए संघर्ष और प्रयासों को याद किया। वैज्ञानिक उपलब्धियों के साथ साथ समाज और आम लोगों के लिए इस संस्थान के योगदान की प्रशंसा की और संस्थान को भविष्य के विकास और उपलब्धियों के लिए शुभकामना दी।
वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ. सुनील पाठक ने सीएसआईआर-एनआईईआरआई, नागपुर के सहयोग से सीएसआईआर-आईआईपी द्वारा विकसित जीआईएस मैपिंग ऐप का प्रदर्शन किया।
4 डी पालन से देश का विकास
अरुण कुमार सिंह ने बताया कि वर्तमान दौर में विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने हमारे समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने गूगल सर्च का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे यह किसी भी बारे में तत्काल जानकारी देता है। उन्होंने कहा कि अगले 30 सालों में डेमोग्राफिक, डिजिटलाइजेशन, डीकार्बनाइजेशन और डीग्लोबलाइजेशन (आंशिक) जैसे ‘4 डी’ का पालन करके देश का विकास होगा। देश की आत्मनिर्भरता के लिए भारत के पास कच्चे तेल को रसायन और अपरंपरागत और नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों में परिवर्तित करने के जबरदस्त अवसर हैं। आईआईपी ‘क्रूड टू पेटकेम’ (पेट्रोकेमिकल) पर काम कर सकता है और ऊर्जा की तीव्रता को कम करने के लिए ऊर्जा-कुशल प्रक्रियाओं को विकसित कर सकता है जो कार्बन फुटप्रिंट्स को कम करने में भी मदद करेगा।